सिंगरौली : नगर निगम के कचरा निस्तारण में भारी भ्रष्टाचार, सिटाडेल कंपनी पर गंभीर आरोप
मृत मवेशियों को खुले में फेंकने से पर्यावरण और स्वास्थ्य पर संकट
सिंगरौली संवाददाता एन के शाह
सिंगरौली जिले में नगर पालिक निगम द्वारा ठोस अपशिष्ट कचरे और मृत मवेशियों के निस्तारण का ठेका सिटाडेल कंपनी को दिया गया है। इस कार्य के लिए निगम हर महीने करीब करोड़ रुपए का भुगतान कर रहा है। लेकिन कंपनी द्वारा अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह निभाने के बजाय भ्रष्टाचार और लापरवाही का खुला खेल खेला जा रहा है।
सिटाडेल कंपनी पर भ्रष्टाचार के आरोप
सूत्रों के अनुसार, सिटाडेल कंपनी केवल 50% कार्य पूरा कर रही है, लेकिन 100% भुगतान ले रही है। यानी जो काम आधा भी नहीं हो रहा, उसके लिए पूरा पैसा निगम से वसूला जा रहा है।
कैसे हो रही गड़बड़ी….?
सिटाडेल कंपनी को नगर निगम के 45 वार्डों से रोज़ाना मृत मवेशियों को अपने वाहनों से उठाकर कचरा प्लांट तक लाने और प्लांट परिसर में बनी भस्मक भट्ठी (इंसीनरेटर) में जलाकर नष्ट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
लेकिन कंपनी अपनी लागत बचाने के लिए यह प्रक्रिया पूरी तरह नहीं अपना रही। मृत मवेशियों को भट्ठी में जलाना एक महंगा और जटिल कार्य है, जिसे कंपनी टाल रही है। इसके बजाय बलियरी इंडस्ट्रियल एरिया के खुले मैदानों में इन्हें फेंक दिया जाता है।
स्वास्थ्य और पर्यावरण पर खतरा
सिटाडेल कंपनी की इस लापरवाही का असर सिर्फ सरकारी पैसे की बर्बादी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्थानीय नागरिकों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान पहुंचा रही है। खुले में फेंके गए मृत मवेशी संक्रमण, बदबू और बीमारियों का कारण बन रहे हैं। सिंगरौली एक औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण पहले ही प्रदूषण की चपेट में है। मृत जानवरों के खुले में सड़ने से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है, जिससे स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।
निगम प्रशासन की जिम्मेदारी
नगर पालिक निगम सिंगरौली को इस गंभीर मामले का संज्ञान लेना चाहिए। यदि कंपनी को हर महीने एक करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं, तो उसका कार्य संतोषजनक होना चाहिए।
- भ्रष्टाचार की जांच: निगम को सिटाडेल कंपनी के कार्यों की उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए कि कंपनी कितना काम कर रही है और कितना भुगतान लिया जा रहा है।
- मृत मवेशियों के निस्तारण की निगरानी: निगम को यह सुनिश्चित करना होगा कि मवेशियों को सही प्रक्रिया से भस्मक भट्ठी में जलाकर नष्ट किया जाए, न कि खुले में फेंका जाए।
- कंपनी पर दंडात्मक कार्रवाई: यदि जांच में भ्रष्टाचार साबित होता है, तो कंपनी का ठेका निरस्त कर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
नगर निगम द्वारा ठोस अपशिष्ट और मृत मवेशियों के निस्तारण के लिए सिटाडेल कंपनी को दिया गया ठेका संदेह के घेरे में आ गया है। कंपनी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की गहराई से जांच होनी चाहिए और जनता के स्वास्थ्य के साथ किए जा रहे इस खिलवाड़ को तुरंत रोका जाना चाहिए। यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो सिंगरौली के नागरिकों को बड़े स्वास्थ्य संकट का सामना करना पड़ सकता है।