Rewa News: पिछले कई वर्षों से सरकारें लगातार गांव में टॉयलेट बनवाने और खुले में शौच पर प्रतिबंध लगाने के लिए घर-घर में टॉयलेट बनवाने की योजना भी लागू की। यह योजना असरदार भी हुई, लेकिन रीवा जिले में जिस तरह से एक व्यक्ति टॉयलेट बनवाने के लिए कागज लेकर घूम रहा है। उसकी कहानी जानने के बाद टॉयलेट बनवाने के दावों पर प्रश्न भी खड़ा हो गया। रीवा में एक नई नवेली दुल्हन अपना ससुराल छोड़के मायके में जाकर बैठ गई, क्योंकि ससुराल में शौचालय नहीं है। पति शौचालय बनवाने के लिए बीते दो महीने से भटक रहा है लेकिन उसकी किसी भी तरह की सुनवाई नहीं हो रही
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़ित प्रदीप मिश्रा को पंचायत की तरफ से समग्र स्वच्छता अभियान का लाभ नहीं मिला है। जिससे मिश्रा के घर शौचालय नहीं बन पाया। युवक शौचालय बनवाने के लिए पंचायत जनपद पंचायत के चक्कर काट रहा युवक एक निजी संस्था में नौकरी करता है और उसकी स्थिति ऐसी नहीं कि वह शौचालय बनवा सके। इसलिए सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कई कार्यालय और दफ्तरों में भटक चुका है

पीड़ित के द्वारा थाना प्रभारी से घर में शौचालय बनवाने की मांग की यह मामला सामने आने के बाद पंचायत में समग्र स्वच्छता अभियान पर भी सवाल खड़े हुए. यह युवक रीवा जिले के चाकघाट थाना पहुंचा हुआ था जिसने आवेदन देकर शौचालय की समस्या बताइ युवक के आवेदन को लेकर संबंधित विभाग को भेज कर इसकी समस्या दूर करने के प्रयास किए गए
Rewa News today प्रशासन के संज्ञान में पहुंचा मामला
यह मामला जब एसडीओपी त्योंथर के पास पहुंचा तो उन्होंने कहा जांच कराई जाएगी कि युवक को शौचालय का लाभ क्यों नहीं मिला आखिर किन वजहों से वह इस योजना से वंचित रह गया। पीड़ित की समस्या को जल्द दूर करने के प्रयास किए जाएंगे, जनपद सीईओ विनय तिवारी का भी कहना है कि युवक के घर में अभी शौचालय नहीं बना है पर शौचालय निर्माण प्रक्रिया में है जल्द ही युवक को इस योजना का लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा