MP News: मध्य प्रदेश सरकार की सौगात, 8वीं पास ग्रामीण युवा पटवारी का करेंगे काम, 10 हजार वेतन ,ऐसे करें आवेदन

MP News today: मध्य प्रदेश सरकार अब ग्रामीण क्षेत्र के आठवीं पास युवाओं को डिजिटल क्रॉप सर्वे (गिरदावरी) का कार्य देने जा रही है इन्हें एक सीजन में ₹10000 तक दिए जाएंगे इस काम के लिए 1000 खसरों की फोटो खींचकर सारी डाटा मोबाइल ऐप पर अपलोड करना पड़ेगा 1 वर्ष में तीन बार सर्वे करा कर फसल उत्पादन का आकलन भी किया जाएगा

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राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव निकंजू के द्वारा जानकारी दी गई की डिजिटल क्रॉफ्ट सर्वे का प्रेजेंटेशन सीएम मोहन यादव की मंत्री मंडल बैठक में किया इसके अलावा राजस्व विभाग का एक अन्य प्रस्ताव भी कैबिनेट में दिया गया

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MP News ऐसे होगा युवाओं का चयन

सबसे पहले भू-अभिलेख पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर मांगी गई डिटेल्स भरना होगी। 25 जुलाई तक चयनित युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में बताया जाएगा कि कैसे मोबाइल ऐप से सर्वे करना है। इसके बाद एक अगस्त से पटवारी युवाओं को खसरों का वितरण करेंगे। फिर सर्वे शुरू होगा।

इस तरह होगा डिजिटल क्रॉप सर्वे

सबसे पहले खरीफ फसलों की फोटो खींचकर एरिया दर्ज पर करना होगा

कैमरा या फिर मोबाइल की सहायता से डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाएगा

जियो टैगिंग होने से मोबाइल एप्लीकेशन में लोकेशन किस का नाम और खसरा अपने आप आएगा

क्रॉप सर्वे करने पर कितनी मिलेगी पेमेंट

सरकार के द्वारा प्रति खसरा 8 रुपए का पेमेंट किया जाएगा। एक सीजन में 10 हजार रुपए तक मिलेंगे। एक साल में तीन सीजन में काम होगा। पेमेंट ऑनलाइन किया जाएगा।

पटवारी रिपोर्ट नहीं होती थी सही

गिरदावरी से खेतों में बोई जाने वाली फसल और संभावित उत्पादन की जानकारी जुटाई जाती है। समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली फसल के उत्पादन में सही आंकड़ों का अनुमान लगाया जाता है।

अब तक गिरदावरी का कार्य पटवारी किया करते थे लेकिन उनकी रिपोर्ट में हमेशा गड़बड़ी मिलती थी कई बार फर्जी रिपोर्ट की शिकायतें भी प्राप्त हुई है

इससे पहले सरकार किसानों से भी गिरदावरी करवा चुकी है लेकिन सही नतीजे नहीं आने से अब ग्रामीण युवाओं को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी

यह होती है गिरदावरी

गेहूं या अन्य बोई गई फसलों का स्थान और उसके आधार पर उत्पादन का आकलन किया जाता है। इसका इस्तेमाल इसलिए जरूरी माना जाता है क्योंकि सरकार की किसानों से संबंधित अधिकांश योजनाओं जैसे समर्थन मूल्य पर खरीदी, फसल बीमा योजना सहित अन्य योजनाओं में इसके एक्चुअल डेटा की आवश्कता होती है। इसी कारण अब सैटेलाइट इमेज के जरिए इसे कराने की तैयारी है। (MP news)

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