सिंगरौली : कबाड़ दुकानो का फैला जाल रेल्वे लाईन के पास बलियारी, माजन बगीचा, कचनी मोड, बलहवा टोला ,खुटार ढोटी इन जगहों पर चल रहा कारो बार जोरो पर…

सिंगरौली : कबाड़ दुकानो का फैला जाल रेल्वे लाईन के पास बलियारी, माजन बगीचा, कचनी मोड, बलहवा टोला ,खुटार ढोटी इन जगहों पर चल रहा कारो बार जोरो पर…

सिंगरौली संवाददाता

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सिंगरौली जिले में कबाड़ की दुकानों का अनियंत्रित प्रसार और उससे जुड़ी चोरी की घटनाओं को लेकर स्थानीय नागरिकों ने गम्भीर आरोप लगाए हैं। रेल्वे लाईन के पास बलियारी, माजन बगीचा, कचनी मोड, बलहवा टोला ,खुटार ढोटी इन जगहों पर चल रहा कारो बार आरोपों के अनुसार, इन दुकानों के संचालक चोरी के माल को खरीदने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, जबकि पुलिस प्रशासन खासकर स्थानीय थानेदार इन पर नजर रखने में असमर्थ या मिलीभगत हो सकती है या फिर यूं कहा जा सकता है कि जिम्मेदारों की मेहरबान से कबाड़ कारोबार मालामाल हो रहे हैं आरोप लग रहा है कि चोरी का माल खरीद रहे दुकानदार सूत्रो कि माने तो चोरी की घटनाओं में सिर्फ अपराधियों का ही नहीं, बल्कि कबाड़ संचालकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उनके अनुसार, इन दुकानों को चोरी का माल खरीदने की परमिशन दे दी गई है, जिसके चलते अपराधियों को अपना चोरी का सामान बेचने में प्रोत्साहन मिलता है। यह आरोप विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि चोरी के माल की आपूर्ति से ही पूरे क्षेत्र में अपराध की एक जड़ उत्पन्न हो रही है। क्षेत्र में चोरी की घटनाओं को देखकर यह साफ प्रतीत होता है कि चोरी का माल खरीदने वाले यही कबाड़ संचालक हैं।”स्थानीय स्रोतों के मुताबिक, बड़े-बड़े कंटेनर गाड़ियाँ चोरी के माल को एमपी से यूपी तक पहुंचाने का कार्य करती हैं, जिससे यह माल और अधिक बड़े पैमाने पर व्यापार में चला जाता है। यह व्यवस्था न केवल चोरी को बढ़ावा देती है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा पर भी काला धब्बा बन चुकी है।

पुलिस पर मिलीभगत के आरोप…

नागरिकों ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस प्रशासन इस पूरे मामले में सक्रिय भूमिका निभाने के बजाय केवल दिखावे के लिए छापेमारी करता है। उन्होंने बताया कि अब तक ऐसी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है जिससे कि कबाड़ दुकानों के अवैध कारोबार पर नियंत्रण पाया जा सके। स्थानीय थानेदारों पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि वे स्वयं या अपने सहयोगियों के माध्यम से इन दुकानों को सुरक्षापरक ढांचे में बनाए रखने में लिप्त हैं। लोगो का कहना है की “हमने देखा है कि कुछ मामूली छापेमारी तो की जाती है, लेकिन वास्तव में अपराध करने वाले और कबाड़ संचालक अपनी अवैध गतिविधियों से अछूते रहते हैं।”इस तरह की कथित मिलीभगत से न केवल अपराधियों को प्रोत्साहन मिलता है, बल्कि क्षेत्र में आम नागरिकों का विश्वास भी कमजोर होता जा रहा है। नागरिकों के अनुसार, यदि पुलिस प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो यह मामला और भी भयावह रूप ले सकता है। कबाड़ संचालको से स्थानीय लोग परेशान स्थानीय मीडिया और नागरिक संगठन इस मामले को लेकर लगातार दबाव बना रहे हैं ताकि कानून का पालन सुनिश्चित हो सके और अपराधियों को उनके उचित दंड का सामना करना पडे जिसे सिंगरौली जिले में कबाड़ दुकानों के अनियंत्रित प्रसार और उनसे जुड़े चोरी के मामलों को लेकर उठे ये आरोप क्षेत्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुके हैं। जहां एक ओर कबाड़ संचालकों पर चोरी के माल की खरीद में संलिप्तता का आरोप लगाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पुलिस प्रशासन पर मिलीभगत के भी गंभीर आरोप हैं। यदि इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में अपराध की लहर और तेज हो सकती है, जिससे आम जनता को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। प्रशासन और पुलिस बल से अपील की जा रही है कि वे इस मामले की गहराई से जांच करें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें ताकि क्षेत्र में कानून व्यवस्था बहाल हो सके।

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