MP News: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी कमजोर पड़ गई है।दिल्ली में नंबर एक और नंबर दो यानी नरेंद्र मोदी और अमित शाह का नियंत्रण खत्म हो गया है। हरियाणा के नतीजों ने इस दर्द से थोड़ी राहत जरूर दी है, लेकिन पूरी तरह से नहीं। एक तरफ मोदी जी हमेशा नीतीश और नायडू को लेकर टेंशन में रहते हैं और चैन से सो नहीं पाते। हालात ऐसे हैं कि अगर उनमें से किसी का फोन आता है तो मोदी जी को लगता है कि शायद टाटा बाय बाय कहने के लिए फोन आया है। और दूसरी तरफ 4 जून से उनकी ही पार्टी के सांसद और विधायक टेंशन देते रहते हैं। अब दोस्तों, मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। मोहन यादव को मोदी और शाह ने कुर्सी पर बैठाया, लेकिन मोहन यादव के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है। मध्य प्रदेश में बीजेपी के एक विधायक अपनी ही सरकार से नाराज हैं। उन्हें सरकार की कार्यशैली से दिक्कत है।
दोस्तों, मध्य प्रदेश में गृह विभाग मोहन यादव के पास है, लेकिन विधायक कहते हैं कि पुलिस उनकी है। ये सागर के देवरी विधायक ब्रज बिहारी पटेरिया हैं जिन्होंने गुस्से में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को अपना इस्तीफा भेज दिया है. (हालाकि सुबह तक उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया) लेकिन साथियों ये सिर्फ एक मामला नहीं है. मध्य प्रदेश में रीवा की मऊगंज सीट से बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल भी गुस्से में हैं. उनका कहना है कि पुलिस शिकायत दर्ज नहीं करती. उनका वीडियो भी सामने आया जब वो लेटकर पुलिस के पास गए, लेकिन वहां खड़े कप्तान मुस्कुराते रहे. कोई सुनवाई नहीं हुई. विधायक इस बात से और नाराज हैं कि पार्टी के किसी नेता ने उनसे पूछा तक नहीं कि परेशानी क्या है. जबलपुर के पाटन से बीजेपी विधायक अजय का हाल भी कुछ ऐसा ही है. वो भी गुस्से में हैं.
दोस्तों, बीजेपी को लगता है कि वो सत्ता में है, उसकी सरकार है और मध्य प्रदेश में उसके पास बहुमत है, इसलिए कोई चिंता की बात नहीं है. लेकिन दोस्तों, जिस तरह से इस राज्य में विधायक नाराज हैं और इस्तीफा तक दे रहे हैं, ये न तो मोहन यादव के लिए अच्छा है और न ही दिल्ली दरबार के लिए. अब नाराज नेताओं को मनाने की कोशिश होगी या नहीं, ये तो बीजेपी ही जाने, लेकिन विपक्ष इसका लुत्फ उठा रहा है. अब ऐसा हो सकता है कि विधायकों का विरोध मोहन यादव की कुर्सी छीन ले