Dhan ropai: राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्राविधिक सहायक विवेक कुमार ने मीडिया को बताया कि धान की फसल की खेती करने वाले किसान धान की नर्सरी करते समय कीट प्रबंधन के लिए दवा का छिड़काव और उपाय करते समय खेत अच्छे से तैयार रखें
भारत में धान की रोपाई का सीजन चल रहा है. खरीफ सीजन में धान की फसल मुख्य मानी जाती है यही कारण है कि किसान धान की रोपाई से पहले और उपाय के बाद कुछ जरूरी क़दम उठाए. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि धान की फसल की खेती करने वाले किसान धान की रोपाई के बाद कुछ जरूरी बातों का जरूर ध्यान रखें तो अच्छी पैदावार होगी. यहां कृषि विशेषज्ञ से जानते हैं की फसल की रोपाई के बाद क्या तरीका अपना कर अच्छी पैदावार कर सकते हैं
कृषि क्षेत्र में 10 वर्षों से अनुभव रखने वाले रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के सहायक विवेक कुमार ने मीडिया को बताया कि धान की फसल की खेती करने वाले किसान धान की नर्सरी करते समय नर्सरी में कीट प्रबंधन के लिए दवा का छिड़काव और रोपाई करते समय खेत को अच्छे से तैयार रखें.
इसके बाद धान में उर्वरक प्रबंधन का विशेष पालन करें जिससे उन्हें अच्छी पैदावार प्राप्त हो सके उनके द्वारा बताया गया की नर्सरी में ही की प्रबंधन के लिए दवा का छिड़काव करें क्योंकि नर्सरी में पत्तल लपेटकर का खतरा अधिक रहता है। अगर समय शेष का उपचार नहीं किया गया तो यह रोग पौधा और उपाय के बाद शुरुआती दिनों में ही फसल को नष्ट करने में लग जाते हैं। जिससे किसानों को अधिक दबाव और कीटनाशक का इस्तेमाल करना पड़ता है ऐसे में जरूरी है की नर्सरी में ही किसान कीट प्रबंधन जरूर कर लें
नर्सरी में बीज रोपाई के 22 दिन बाद करें धान की रोपाई
किसान धान की नर्सरी में बीज बुवाई के 20 से 22 दिन के बाद की रोपाई कर दें. क्योंकि धान की फसल का उत्पादन पौधे के कल्ले पर निर्भर करता है. पौधे में कल्ले की संख्या जितनी अधिक होगी पौधे पर उतनी ही ज्यादा वाली होगी
खेत की तैयारी पर दें विशेष ध्यान
धान की रोपाई से पहले खेत को पूरी तरह तैयार करना चाहिए ऐसे में जरूरी है कि खेत को बेहतर तरीके से जुताई करें सूखे खेत को जोतने के बाद किसान रोटावेटर और हाइड्रोलिक डिस्क से खेत जोत कर अच्छे से पाटा लगा कर उसे समतल कर ले ताकि पूरे खेत में एक समान पानी बना रहे.
साथ ही उनके द्वारा बताया गया की फसल रोपाई करते समय किसान पंक्तिवार रोपाई जरूर करें तो यह सबसे बेहतर होगा इससे पौधे का अच्छी तरह से विकास होता है साथ ही फसल उत्पादन भी बढ़ता है इसीलिए धान की फसल रोपाई करते वक्त पौधे से पौधे की दूरी करीब 10 से 15 सेंटीमीटर और लाइन से लाइन की दूरी करीब 18 से 22 सेंटीमीटर आवश्यक होती है
ऐसे करें उर्वरक प्रबंधन
न्यूज़ 18 से बात करते हुए विवेक कुमार के द्वारा बताया गया कि पौधे के विकास और उसकी बढ़वार के लिए अच्छा पोषण मिलना बहुत ही जरूरी है. धान की फसल की उपाय करने से पहले की जाने वाली अंतिम जुताई की समय एक एकड़ में 50 किलो डीएपी और 25 से 30 किलो तक पोटाश का उपयोग करें.
इससे पौधों की जड़ों का विकास होगा और पौधे में कल्ले अधिक निकलेंगे. साथ ही पौधे मजबूत भी होंगे जिसके 20 से 22 दिन फसल पर यूरिया की टॉप ड्रेसिंग भी कर दें. धान की फसल 50 किलो यूरिया देनी चाहिए. यूरिया दो बार में 25-25 किलो के हिसाब से ही दें उन्होंने बताया कि किसान धान रोपाई के 20 दिन बाद खरपतवार के नियंत्रण के लिए नॉमिनी गोल्ड नाम के खरपतवार नाशक का छिड़काव करें जिससे सभी तरह के खरपतवार पूरी तरह नष्ट हो जाएंगे.