कोलकाता डॉक्टर रेप कांड: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर की घटना के विरोध में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल का शनिवार को 8वां दिन है। IMA ने भी 24 घंटे के लिए अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू रखने की बात कही है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टर्स से हड़ताल खत्म करने को कहा है। अब देखना यह होगा कि क्या डॉक्टर आज से हड़ताल खत्म करते हैं या नही।
जल्द बनेंगी सुरक्षा कमेटी
मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि डॉक्टरों की मांग को लेकर कमेटी बनाई जाएगी। सुरक्षा के लिए राज्य सरकारों से भी सुझाव मांगे जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय के इस फैसले के पहले IMA चीफ ने कहा कि इमरजेंसी सेवाएं छोड़कर अस्पतालों में कामकाज बंद है। हमारी मांग है कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या की गई थी।
कोलकाता डॉक्टर रेप कांड: हम जीवन के अधिकार की मांग कर रहे
आईएमए चीफ बोले कि हम जीवन के अधिकार की मांग
कर रहे हैं। यह मौलिक अधिकार है। हम प्रधानमंत्री को
पत्र लिखेंगे। राधागोविंद कर मेडिकल कॉलेज और
अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल शनिवार को लगातार दूसरे
दिन सीबीआई की पूछताछ में पहुंचे। सीजेआई डीवाई
चंद्रचूड़ को सुप्रीम कोर्ट के दो वकीलों ने चिट्टी लिखी।
उन्होंने कहा कि कोलकाता वाली घटना से देश की आत्मा
पर हमला हुआ है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट को स्वतः
संज्ञान लेना चाहिए।
कोलकाता डॉक्टर रेप कांड: दिल्ली में पांच दिन में एक लाख से ज्यादा मरीजों को नहीं मिला इलाज
दिल्ली में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर की हड़ताल को 5 दिन हो गए हैं। हड़ताल के चलते दिल्ली में रोजाना करीब एक लाख से अधिक मरीजों को उपचार के बिना
अस्पतालों से लौटना पड़ रहा है जबकि रोजाना लगभग
250 से 300 सर्जरी भी नहीं हो पा रही हैं। रीवा संजय गांधी हॉस्पिटल में प्लान किए गए करीब ऑपरेशन को टाल दिया गया है। हॉस्पिटल में भर्ती व इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की जिम्मेदारी सीनियर डॉक्टर्स पर आ गई है।
कोलकाता डॉक्टर रेप कांड: मध्य प्रदेश में सैकड़ों रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम बंद किया
एमपी के रीवा सहित जबलपुर , भोपाल, सतना, कटनी सहित भोपाल में एम्स सहित मध्य प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में सैकड़ों रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम बंद कर
दिया। इससे राज्यभर में मेडिकल सेवाओं पर असर देखने को मिला। कई अस्पतालों में मरीजों को बिना इलाज के छोड़ दिया गया। ओपीडी और ओटी सेवाएं ठप हैं। सिर्फ
इमरजेंसी और आईसीयू चालू रखा गया है।