Mp kamalnath: एमपी कमलनाथ को मिली इस पार्टी के बड़ी जिम्मेदारी मध्यप्रदेश की सियासत में क्या फिर होगा उलटफेर

Mp kamalnath: मध्यप्रदेश के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ चार राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे mp कांग्रेस में सुगबुगाहट शुरु हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एक बार फिर सक्रीय हो गए हैं। भोपाल में उन्होंने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए तीन दिन रिजर्व रखे हैं।

Mp kamalnath: 16 अगस्त को कमलनाथ भोपाल पहुंचे

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श्यामला हिल्स स्थित बंगले पर वें मुलाकात कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के बाद करीब एक महीने कमलनाथ एमपी में सक्रिय नजर नहीं आ रहे थे। ट्विटर पर ही उनके बयान जारी हो रहे थे। जानकारों की माने तो स्वास्थ्य कारणों से वें दिल्ली और विदेश यात्राओं पर थे। भोपाल में उनके तीन दिनों के इस प्रवास पर सियासी कयास लगाए जा रहे हैं। वही मीडिया सूत्रों का कहना हैं कि हाईकमान के निर्देश पर कमलनाथ ने सक्रीयता बढ़ाई है। पूर्व सांसद नकुलनाथ छिंदवाड़ा को लेकर नई रणनीति बनाने की तैयारी कर रहे हैं।


Mp Kamalnath : सूत्रों का कहना हैं कि नकुलनाथ दिल्ली में बैठेंगे

छिंदवाड़ा कांग्रेस के नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है। लोकसभा चुनाव और फिर अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद नकुलनाथ की सक्रीयता भी कम हो गई थी। अनुभवी नेताओं को जिम्मेदारी दे रही पार्टी शुक्रवार को चुनाव आयोग ने जम्मू- कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनावों का ऐलान कर दिया। आगामी समय में महाराष्ट्र और झारखंड में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में हिन्दीभाषी प्रदेशों में कांग्रेस पकड़ मजबूत करना चाहती है।

Mp kamalnath: अनुभवी नेताओ को बड़ी जिम्मेदारी

लिहाजा पार्टी विश्वसनीय और अनुभवी नेताओं को जिम्मेदारी दे रही है। सूत्रों की माने तो सोनिया गांधी के निर्देश पर कमलनाथ को इन प्रदेशों में चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है। लिहाजा वे सक्रीय हुए हैं। चुनावी मैनेजमेंट में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। महाराष्ट्र मे अन्य राज्यों में बड़े नेताओं से कमलनाथ
के संबंधों का फायदा पार्टी को मिलेगा।

Kamal nath

Mp Kamalnath: जीतू की टीम में होगा इनका दबदबा

जीतू की टीम में होगा समर्थकों का दबदबा विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए जीतू पटवारी की टीम 8 महीने बाद भी नहीं बन पाई है। प्रदेश कार्यकारिणी के ऐलान में हो रही देरी की वजह आलाकमान की हरी झंडी न मिलना बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस की तरफ से सूची बनाकर भेजी जा चुकी है। लेकिन उस पर हाईकमान की मुहर नहीं लग सकी। कमलनाथ के सक्रीय होने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि अब नई टीम का गठन उनकी सहमति से ही हो सकेगा। कमान जीतू पटवारी के हाथ होगी, लेकिन टीम में दबदबा कमलनाथ सर्मथकों का भी होगा ।

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