Loksabha Speakar Election: 48 साल बाद लोकसभा स्पीकर का चुनाव होने वाला है, 18वीं लोकसभा के पहले ही सत्र में सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी टकराव देखने को मिली है,
इसकी मुख्य वजह लोकसभा अध्यक्ष ( Spekar) का पद है। आपको बता दें 48 साल बाद ऐसा मौका आया है। लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव आखिरी बार 1976 में चुनाव हुआ था
लोकसभा अध्यक्ष के पद पर सरकार और विपक्ष के बीच मंगलवार को आम सहमति नहीं बन पाई है। अब राष्ट्रीय राजतंत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार तथा भाजपा सांसद ओम बिरला का मुकाबला कांग्रेस के सुरेश से है
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के उम्मीदवारों के रूप में अपने नामांकन पत्र दाखिल किए।
विपक्षी गठबंधन ने ली बैठक ये नेता रहे शामिल
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस’ (INDIA) नेताओं ने 25 जून को बैठक कर लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव (loksabha speaker Election) से जुड़ी राजनीति पर चर्चा की बैठक में तृणमूल कांग्रेस भी शामिल हुई,
जिसने पहले कहा था कि उसे भरोसे में लिए बिना कोडिकुनिल सुरेश का नाम विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर घोषित कर दिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास में 10 राजकीय बैठक में राहुल गांधी समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव,
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन, शिवसेना (यूबीटी) के नेता अरविंद सावंत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की नेता सुप्रिया सुले, द्रमुक नेता टीआर बालू तथा कई अन्य दलों के नेता शामिल थे।
परंपरा के अनुसार विपक्ष को मिलता है यह पद
आपको बता दे कांग्रेस और विपक्षी दलों का कहना था की परंपरा के अनुसार लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलना चाहिए और यदि सरकार इस पर सहमति देती है, तो वह अध्यक्ष पद के लिए सरकार का समर्थन करेंगे
कांग्रेस पार्टी का कहना है कि, गेंद सरकार के पाले में है। इसलिए वह इस विषय पर आम सहमति बनाये क्योंकि परंपरा के मुताबिक उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलना चाहिए। तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने यह बयान देकर कांग्रेस के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी थी
कि इस पद के लिए ‘इंडिया’ के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस के कोडिकुनिल सुरेश को उम्मीदवार बनाने पर उनकी पार्टी से सलाह नहीं ली गई। उन्होंने यह भी कहा था, कि सुरेश को समर्थन देने को लेकर पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी निर्णय लेंगी।
Loksabha Speakar Election 1976 के बाद पहली बार होगा अध्यक्ष का चुनाव
Loksabha Speakar Election आज 26 जून को 48 साल बाद लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना है, दरअसल 1976 में लोकसभा स्पीकर के लिए चुनाव हुआ था। कांग्रेस सदस्य कोडिकुनिल सुरेश को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार ओम बिरला के खिलाफ विपक्ष का उम्मीदवार बनाया गया है।
विपक्ष नेता राहुल गांधी ने कहा की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिए जाने वाले आश्वासन देने में विफल रहे हैं। आजाद भारत में लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए केवल तीन बार चुनाव हुए हैं
1952, 1967 और 1976 वही 48 साल के बाद आज ऐसा पहला मौका होगा जहां लोकसभा में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना है। वर्ष 1952 में कांग्रेस सदस्य जी वी मावलंकर को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
मावलंकर को प्रतिद्वंद्वी शांताराम मोरे के खिलाफ 394 वोट मिले, जबकि मोरे सिर्फ 55 वोट हासिल करने में सफल रहे। वर्ष 1967 में टी. विश्वनाथम ने कांग्रेस उम्मीदवार नीलम संजीव रेड्डी के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव लड़ा। रेड्डी को विश्वनाथम के 207 के मुकाबले 278 वोट मिले और वह अध्यक्ष चुने गए।