Anshuman Singh Captain : 13 जुलाई 2024/ कैप्टन अंशुमान के माता-पिता ने कहा ना तो बहू मेरे पास है और ना बेटा और ना वह सम्मान जो राष्ट्रपति ने दिया था. जिसे हाथ रखकर कम से कम उसे देख भी सकूं या उसकी फोटो खींच सकू हमारे उत्तर प्रदेश और बिहार में बहुएं ऐसा तो नहीं करती
वह परिवार के साथ रहती हैं ऐसा कहना है कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद अंशुमन Anshuman Singh Captain के पिता और माता का.. 5 जुलाई को कप्तान शहीद अंशुमान सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से राष्ट्रपति ने सम्मान किया था
शहीद अंशुमान Anshuman Singh Captain की मां और उनकी पत्नी यह सम्मान लेने के लिए पहुंची थी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह को कीर्ति चक्र से सम्मान किया था. साथ में उनके साथ अंशुमन की मां खड़ी थी वहीं अब अंशुमान सिंह के माता-पिता ने बहु पर गंभीर आरोप लगाए हैं
अंशुमान सिंह की मां मंजू सिंह का कहना है कि 5 महीने की शादी थी बेटा शहीद हुआ और बहू कीर्ति चक्र लेकर मायके चली गई हमारे पास अब क्या बचा? ऐसे बहुत केस सामने आ रहे बहुएं भाग जा रही
उनके हाथ में सम्मान नहीं देना चाहिए, राहुल जी ने कहा कि वह राजनाथ सिंह जी से बात करेंगे। वहीं शाहिद कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह ने भी कहा की बहू कीर्ति चक्र भी लेकर चली गई
बस हम हमारे पास बेटे की तस्वीर बची है कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता का कहना है कि सरकार एक बार NOK के मुद्दे पर चर्चा करें क्योंकि बहुएं चली जाती हैं सब कुछ लेकर ऐसा बहुत जगह हो गया है
हम बहू से बेहद प्यार करते थे Anshuman Singh Captain
शहीद अंशुमान Anshuman Singh Captain की मां ने बताया कि हम बहू से प्यार करते थे मेरी बहु बहुत सुंदर थी। बहुत अच्छी थी मेरी बेटी और मेरी बहू नोएडा में एक साथ रहा करती थी क्योंकि बहू को खाना बनाना या चाय बनाना नहीं आता था
इसलिए मैंने अपनी बेटी को बहू के साथ नोएडा में कर दिया शुरुआती समय में जब मेरा बेटा बाहर ड्यूटी पर था तो 4 महीने में खुद बहू के पास रहती थी जब मेरा बेटा शहीद हुआ तो देवरिया के घर पर तेरहवीं तक बहू रही
तेरहवीं के दिन उनके परिवार वालों ने कहा कि धार्मिक आयोजन है बेटी को ले जा रहे हैं। जल्दी ही वापस फिर ले आएंगे बेटी ने भी कहा की बहू अभी उस स्थिति में नहीं है कि मैं रख सकूं थोड़ा एस्टेब्लिश होने के लिए समय दें
उनके द्वारा आगे कहा गया कि मेरी बेटी लखनऊ तक छोड़ने आई फिर लखनऊ से मेरी बहू जहाज से दिल्ली चली गई नोएडा घर पर अपना सारा सामान पैक किया जबकि मेरे बेटे का कपड़ा समान टाइप बेल्ट एक झोली में पैक किया
फिर बहू नोएडा से पठानकोट पहुंच गई जब हम लोग जाकर देखें तो बहुत दुख हुआ क्योंकि मेरे बेटे का सारा सामान एक झोले में रखा था फिर हम लोग बात करने का प्रयास किया फोन करते रहे कई बार जब फोन किया तो बहू फोन उठाती है फिर थोड़ी देर बातचीत करने के बाद वापस रख देती है
संबंध ऐसे खत्म होगा यह हमने सोचा नहीं था
जब बेटे को कीर्ति सम्मान चक्र पाने का ऐलान हुआ तब मैंने बहु को फोन किया बहू बेटे को यह सम्मान मिलना है तो उसने कहा कि मम्मी मैं भी देखा और सुना है जब हम लोग सम्मान लेने पहुंचे तब मेरी कोई बातचीत हुई नहीं
बेटे की बरसी पर घर में पूजा थी जिसमें पत्नी को रहना जरूरी होता है। कई बार फोन किया और कहा पूजा में आना जरूरी है। फिर बहू ने कहा मम्मी मैं आऊंगी फिर नंबर ब्लॉक कर दिया
इसके बाद लगातार कोशिश के बाद भी बातचीत नहीं हुई हम लोगों ने सोचा कि बेटा शहीद हो गया अभी शादी के 5 महीने हुए तो बहू दूसरी शादी करना पड़ेगी लेकिन हम लोगों ने सोचा ऐसे संबंध खत्म होगा कभी सोचा नहीं था