MP News: मध्य प्रदेश की सबसे हॉट सीट और कांग्रेस का 44 साल की विरासत आखिरकार भाजपा के एक कार्यकर्ता ने हिला दिया। इस सीट पर भाजपा ने विवेक बंटी साहू तो कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को मैदान में उतारा था, वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए ऐसी संभावना जताई जा रही है कि नकुलनाथ करारी हार का सामना करने जा रहे हैं। इस चुनाव में भाजपा ने छिंदवाड़ा सरजमीं पर अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक को मेहनत करवाई थी. जिसके वजह से यह सीट अब बीजेपी की तरफ जाती दिख रही है
देश की चर्चित छिंदवाड़ा लोकसभा सीट में बड़ा उलट फेर, कांग्रेस – भाजपा आमने सामने कि टक्कर
बंटी साहू ने विधानसभा चुनाव में दी थी टक्कर
पूर्व सीएम कमलनाथ को करीब टक्कर दी पूर्व सीएम कमलनाथ महज 34000 वोट से बंटी साहू से जीत पाए थे जानकारी के लिए बता दें बंटी साहू को कमलनाथ के सामने दो बार विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था पर इस लोकसभा चुनाव 2024 में विवेक बंटी साहू ने नकुलनाथ को 1,13,655 वोटो से जवाब दिया है
टिकट के ऐलान से पहले इस सीट पर भाजपा ने अपनी तैयारी शुरू की थी विधानसभा चुनाव के रुझानों के दूसरे दिन ही पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान छिंदवाड़ा पहुंचकर जायजा लिए थे जिसके बाद भाजपा के कई दिग्गज नेताओं का यहां महीना तक डेरा रहा था जिसका नतीजा हुआ कि कांग्रेस इस सीट से हाथ धोना पड़ रहा है
बंटी साहू ने दी कमलनाथ को टक्कर
वर्ष 2018 में एमपी में कांग्रेस सरकार बनी थी उस समय कमलनाथ सांसद थे। कमलनाथ ने लोकसभा से अपना इस्तीफा देकर छिंदवाड़ा से दीपक सक्सेना की सीट से चुनाव लड़े इस दौरान बंटी साहू ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी हालाकि कमलनाथ 25000 वोटो से जीत गए थे। लेकिन ,बंटी साहू तभी भी एक्टिव मोड में नजर आ रहे थे और लगातार कमलनाथ को खुलेआम चुनौतियां दे रहे थे जिसका परिणाम अब सामने है
गुटबाजी ने हराया दो बार चुनाव
भाजपा प्रत्याशी विवेक बंटी साहू जिला अध्यक्ष के तौर पर बात करें तो उनके खाते में नाकामयाबी ही ज्यादा हाथ लगी है उनके कार्यकाल के समय छिंदवाड़ा नगर निगम चुनाव जिला पंचायत के चुनाव के साथ ही विधानसभा की सभी सातों सीटों पर हार मिली थी. जिसके वजह से स्थानीय स्तर पर गुटबाजी भी चरम पर देखने को मिली यही कारण है कि विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा जिले के कई बड़े नेताओं ने पार्टी से मुंह मोड़ते हुए चुनाव प्रचार से दूरी बनाई थी तो वहीं, लोकसभा चुनाव में गुटबाजी को खत्म करने के लिए बंटी साहू ने बड़ी जीत दर्ज की थी