MP News: आजाद भारत के बाद कंचन कोल तीसरी ऐसी महिला होगी जिसे फांसी की सजा मिलेंगी

MP News Crime आजादी के 77 साल पूरे हो रहे है. इस दौरान भारत में रतन बाई, शबनम सैफी के बाद रीवा की कंचन कोल तीसरी ऐसी महिला होगी जिसे क्रूर मामले में सत्र न्यायालय ने फांसी का हुक्म दिया है.

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आजादी के बाद भारत के इतिहास ऐसा तीसरी बार भद्दा और क्रूर मामले में अपराधी महिला को फंदे पर लटकाया जाएगा। 1955 में रतन बाई, तो 2008 में शबनम और 2024 में कंचन कोल, अब इन अपराधी महिलाओ के बारे से वृस्तित पढ़े.. नोटिफिकेशन में सब्सक्राइब जरूर कर लें ताकि ऐसी खबरे आपतक पहुंच सके।

भारत की पहली महिला जिसे मिली थी फांसी की सजा?

रतन बाई जैन आजाद भारत की ऐसी पहली महिला थीं जिन्हें क्रूर अपराध मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई थी. दोषी रतन बाई जैन को जनवरी 1955 में फांसी दी गई थी. News18 हिंदी वेबसाइट के मुताबिक रतन बाई को सजा तीन लड़कियों के हत्या पर सुनाई गई थी। और उन्हे फंदे पर भी लटकाया गया था।

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भारत की दूसरी महिला कौन जिसे मिली थी फांसी

रतन बाई को फांसी मिलने के करीब 66 साल बाद एक बार फ़िर 2008 में उत्तर प्रदेश अमरोहा की रहने वाली शबनम भारत की दूसरी ऐसी महिला थीं जिन्हें न्यायालय के द्वारा फांसी की सजा दी गई थी और राष्ट्रपति द्वारा याचिका खारिज की गई थी,

शबनम को क्रूरता मानवता दया विहीन मानते हुए 7 लोगों की हत्या के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई थी. टाइम ऑफ इंडिया के रिपोर्ट 2024 के मुताबिक शबनम और उसका आशिक जेल में है। खबर प्रकाशित तक उन दोनो को फांसी पर नहीं लटकाया गया है

शबनम को किस जुर्म में मिली थी फांसी

अमरोहा की रहने वाली शबनम के परिवार में पिता शौकत टीचर, अली मां हाशमी ,भाई अनीश रशीद ,भाभी अंजुम और 10 महीने का भतीजा अर्श का नाम शामिल है। शबनम और गांव के ही आठवीं पास एक युवक प्रेम संबंध में थे और उसके पिता को यह पसंद नहीं था दोनों शादी करना चाहते थे

पर शबनम सैफी और सलीम पठान एक बिरादरी से नहीं थे, एक कम पढ़ा लिखा युवक फिर दूसरी गैर बिरादरी होने के चलते शबनम के परिवार ने शादी से मना कर दिया था। BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक शबनम अपने आशिक सलीम 14 अप्रैल 2008 की दरमियानी रात परिवार के 7 लोगों को नशीले पदार्थ देकर उनका गला काट दिया जिनमें से 10 महीने का बच्चा भी था जिसका गला दबाकर मार दी थी।

MP News अब तीसरी महिला को मिली फांसी की सजा

MP News: शबनम सैफी को मिली फांसी के 15 साल बीत जाने के बाद मध्य प्रदेश के सेशनल कोर्ट (सत्र न्यायालय) के द्वारा रीवा के अतरैला की रहने वाली एक महिला ने अपनी सास को सौ बार से अधिक चाकू से गोद कर जान ले ली.

महिला घरेलू हिंसा से प्रताड़ित थी 24 साल की कंचन कोल एफएसएएल जांच के आधार पर दोषी मिली है। वारदात में इस्तेमाल होने वाले धारदार हथियार पर अपराधी महिला के उंगलियों के निशान भी पाए गए हैं। जिसके आधार पर फांसी सुनाई गई

MP News hindi कंचन कोल ने किया था यह अपराध

MP News today: हिन्दुस्तान पर छपी एक खबर के मुताबिक 11 जुलाई 2022 को कंचन और सरोज के बीच विवाद को लेकर झगड़ा हुआ था अगले दिन सुबह कंचन ने सरोज पर लोहे के पेन से हमला भी किया जब सरोज बेहोश हो गई तब कंचन ने हत्या किए जाने वाले हथियार से सरोज को 100 बार किया तथा उसे गोद डाला।

गिरफ्तारी के बाद कंचन ने अपना अपराध कबूल कर लिया उसने बताया कि उसके पिता की गैर मौजूदगी में उसकी सास प्रताड़ित किया करती थी। इसके पति उत्तर प्रदेश के मेरठ में रहकर कार्य करते थे

मध्य प्रदेश की पहली ऐसी महिला जिसे मिली फांसी की सजा

कंचन कोल भारत के साथ-साथ मध्य प्रदेश के इतिहास की भी पहली ऐसी महिला है जिसे न्यायालय के द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई है, देश की आजादी के बाद मध्य प्रदेश के इतिहास में कंचन कोल के पहले किसी भी महिला को फांसी की सजा नहीं दी गई थी, रीवा की कंचन प्रदेश की इकलौती ऐसी महिला होगी जिन्हें फांसी पर चढ़ाया जाएगा

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