MP News today: लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश से सभी 29 की 29 सीटें देने वाली मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में पावर सेंटर के लिए भीतर ही भीतर संघर्ष शुरू हो चुका है बस बात इतनी है कि अभी तक लड़ाई उत्तर प्रदेश की तरह बाहर नहीं आई है. कहीं सीएम के कार्यक्रम से डिप्टी सीएम गायब है तो कहीं डिप्टी सीएम के कार्यक्रम से सीएम
कैबिनेट की हर बैठक में फंसा रहे टांग MP News
हम बात कर रहे हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला की कहने को तो डॉक्टर मोहन यादव सीएम है लेकिन कैबिनेट के हर मंत्रालय में वह अपनी टांग फंसा देते हैं अब स्वास्थ्य मंत्रालय का हाल देख लीजिए शिवराज सिंह के कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्रालय बीमार था लेकिन मोहन यादव के टाइम पर तो मरणासन्न हालत में पहुंच गया।
उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्रालय है राजेन्द्र शुक्ल के पास
चुनौतियां बड़ी होने के कारण यह मंत्रालय डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला को दिया गया था लेकिन वह भी फेल हो गया अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुधरी और ना ही सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर लगाम लगी मतलब स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने में राजेंद्र शुक्ला अब तक नाकाम ही साबित रहे इस नाकामी से बचने के लिए उन्होंने कुछ दिनों तक सीएम पद के लिए लॉबिंग भी की थी लेकिन सफल नहीं हुए पिछले वीडियो में हमने इस विषय पर चर्चा की थी।
दूसरा रास्ता किया तय मिल सकती हैं कुर्सी BD शर्मा से हो चुका है संझौता
इस बार डिप्टी सीएम ने लॉबिंग का रास्ता छोड़कर सीएम बनने का दूसरा रास्ता अख्तियार कर लिया है अब वह प्रदेश अध्यक्ष का पद हासिल करना चाहते हैं यदि एक बार प्रदेश अध्यक्ष बन गए तो वह स्वतः सीएम पद के दावेदार हो जाएंगे तो पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष हासिल करने के लिए राजेंद्र दौड़ लगा चुके हैं और अंदर खाने में उन्होंने सेटिंग भी बना ली है एक और अच्छी खबर है कि राजेंद्र के धुर विरोधी माने जाने वाले वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से भी उन्होंने समझौता कर लिया है मतलब प्रदेश अध्यक्ष बनने का रास्ता भी धीरे-धीरे साफ होता जा रहा है अब वह उसमें कितने कामयाब होंगे यह तो आने वाला समय बताएगा
स्वास्थ्य विभाग का काम छोड़ रेलवे की ले रहे बैठक
लेकिन जब तक मोहन यादव है तब तक उनके मंत्रालय में अड़ंगा लगते ही रहेंगे आपने देखा होगा आजकल डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला स्वास्थ्य मंत्रालय के काम छोड़कर रेलवे की बैठक लेने लगे है। हाल ही में अधिकारियों की बैठक को लेकर ललितपुर सिंगरौली रेलवे लाइन पूरा करने के निर्देश देने जैसी खबरें आपने अखबारों में पढ़ी ही होंगी इसी बीच एक और घटना घट गई जिसमें भारी फजीहत हो रही है भोपाल दक्षिण पश्चिम सीट से विधायक भगवान दास सबनानी की सिफारिश पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भोपाल से रीवा के लिए ट्रेन चलाई ट्रेन चलाने की मांग को स्वीकार कर लिया और बस इसके बाद तो तमाशा ही खड़ा हो गया श्रेय लेने की होड़ लग गई।
डिप्टी सीएम ने ठोकी अपनी पीठ बाद में हुआ खुलासा
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला रीवा में अपनी पीठ ठोकने लगे तो उधर भोपाल में सीएम मोहन यादव ने श्रेय लेने के लिए कार्ड ही छपवा डाले लेकिन हैरानी की बात है कि डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ना तो भोपाल में नजर आए जब सीएम मोहन यादव ट्रेन को हरी झंडी दिखा रहे थे और ना ही रीवा में नजर आए जब ट्रेन का स्वागत करने के लिए सांसद और उनकी टीम स्टेशन पर तैनात थी शायद ऊपर से निर्देश थे कि रेलवे के कार्यक्रम में विधायक के बजाय सांसद शिरकत करें.
स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था चरमराई डॉक्टर दे रहे इस्तीफा
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्रालय बीमार था लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव के टाइम पर तो मरणासन्न हालत में पहुँच गया है. चुनौतियाँ बड़ी होने कारण यह मंत्रालय उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल को दिया गया लेकिन वो भी फेल हो गए. न अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएँ सुधरी और न ही सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर लगाम लगी. मतलब स्वास्थ सेवाओं को दुरुस्त करने में राजेंद्र शुक्ला अब तक नाकाम ही साबित रहे.
इस नाकामी से बचने के लिए उन्होंने कुछ दिनों तक CM पद के लिए लॉबिंग भी की थी लेकिन सफल नहीं हुए .तो इस बार Deputy CM ने लॉबिंग का रास्ता छोड़कर सीएम बनने का दूसरा रास्ता अख्तियार कर लिया है. अब वो प्रदेश अध्यक्ष का पद हासिल करना चाहते हैं. यदि एक बार प्रदेश अध्यक्ष बन गए तो वो स्वतः सीएम पद के दावेदार हो जाएंगे।