Nalanda University: तीन महीने तक जलती रही नालंदा विश्वविद्यालय, 1600 पुरानी युनिवर्सिटी का पीएम मोदी दौरा

Nalanda University campus : 19 जून 2024/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुधवार (19 जून) को नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन किए. पीएम ने करीब 15 मिनट तक 1600 साल पुराने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय खंडहर का दौरा किया। इसके बाद पीएम प्राचीन नालंदा यूनिवर्सिटी पहुंचे वहां उन्होंने यूनिवर्सिटी के नए स्वरूप को देश को समर्पित किया है।

1600 साल पुराने इस प्राचीन विश्वविद्यालय में 17 देश के कुल 400 स्टूडेंट शिक्षा ले रहे हैं। इस विश्वविद्यालय को लेकर कहा जाता है कि 3 महीने तक लगातार किताबों में आग जल रही थी हालाकि इसकी कोई आधिकारिक बयान नहीं है। UNESCO ने 15 जुलाई 2016 को नालंदा विश्वविद्यालय के पुरातात्विक अवशेष को वर्ल्ड हेरिटेज साइट यानी वैश्विक धरोहर स्थल का दर्जा दिया था

17 देशों के 400 स्टूडेंट्स यहां पढ़ाई कर रहे हैं

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नालंदा विश्वविद्यालय में कुल 17 देश के 400 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स के लिए यहां 10 विषय में पढ़ाई की जाती है कैंपस में एशिया के सबसे बड़े लाइब्रेरी भी बनाई जा रही है

Nalanda University कलाम की राह पर पीएम मोदी

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम 28 मार्च 2006 को बिहार दौरे पर अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित करने की सलाह दी थी

जिसके बाद मुख्यमंत्री ने उनकी दी सलाह पर तत्काल विधान मंडल के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए इसे पुनर्जीवित करने की ऐलान किया था। अब उसी राह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दौरा किया है।

बी.वी. दोशी का डिजाइन

Nalanda University विश्वविद्यालय को सुप्रसिद्ध वास्तुकार पद्म विभूषण स्वर्गी बी.वी दोषी ने डिजाइन किया है इसके बुनियादी ढांचे को जीरो यानी शून्य कार्बन उत्सर्जन वाले कैंपस के रूप में बनाया गया

1190 के दशक में बख्तियार खिलजी ने जलाकर खत्म कर दिया

1193 ई. में तुर्की के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के द्वारा सेनापति बख्तियार खिलजी के नेतृत्व में आक्रमण कारियो की सैन्य टुकड़ी ने विश्वविद्यालय को जलाकर खाक कर दिया था। नालंदा यूनिवर्सिटी का परिसर इतना बड़ा था कि कहा जाता है कि हमलावरों की आग लगाने के बाद परिसर में 3 महीने तक आग लगी रही। वर्तमान में नजर आने वाले 23 हेक्टेयर की साइट मूल यूनिवर्सिटी कैंपस का ही हिस्सा है

कब हुई थी नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना

नालंदा विश्वविद्यालय तीसरी से छठी शताब्दी ईस्वी के बीच गुप्त काल के दौरान अस्तित्व में आई थी. वर्ष 427 में सम्राट कुमार गुप्त ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। 13वीं शताब्दी यानी की 800 से अधिक वर्षों तक यहां विश्वविद्यालय संचालित हुआ करती थी

नालंदा प्राचीन और मध्यकालीन मगध काल में एक प्रसिद्ध बौद्ध महा बिहार यानी महान मठ हुआ करते थे। दुनिया भर में बौद्ध धर्म का सबसे बड़ा शिक्षण केंद्र माना जाता था। नालंदा विश्वविद्यालय में करीब 10000 विद्यार्थी अध्ययन करते थे

जिनके लिए 1500 से अधिक शिक्षक हुआ करते थे। अधिकतर विद्यार्थी एशियाई देश जैसे चीन, जापान ,कोरिया ,भूटान से आने वाले बौद्ध भिक्षु थे। यहां तर्कशास्त्र ,मेडिसिन ,गणित और बौद्ध सिद्धांतों के बारे में विद्यार्थियों को अध्ययन कराया जाता था

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