NCL : जयंत परियोजना में अधिकारियों व काँटा बाबू की मिली भगत से जारी है कोयला ओवरलोड का खेल

NCL : जयंत परियोजना में अधिकारियों व काँटा बाबू की मिली भगत से जारी है कोयला ओवरलोड का खेल

संवाददाता M. K. शाह

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सिंगरौली जिले में कोयले के उत्पादन को लेकर जाना जाने वाला सिंगरौली जिले का नार्दन कोलफील्ड लिमिटेड फिर एक बार चर्चाओं में आ गया है दरअसल इन चर्चाओं के पीछे की प्रमुख वजह है कोयला खदानों से सड़क के माध्यम से परिवहन हो रहे कोयला का खेल है। बिजली उत्पादन करने के लिए एनसीएल की परियोजनाओं से कर्ई कंपनी कोयला ले रही हैं। यह जानकर हैरानी होगी कि एनसीएल की खदानों से कोयला लेकर जाने वाले वाहन कमीशन के खेल में ओवरलोड हो रहे हैं। वाहनों के ओवरलोड होने का नतीजा यह कि एक ओर जहां कोयला कंपनी को आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं एनजीटी के आदेश की धज्जियां उड़ रही हैं। सूत्र बताते है कि यह खेल कोयला कंपनी के अधिकारियों, ट्रांसपोर्टरों, व पुलिस के बीच सेटिंग से चल रहा है।

एनसीएल की जयंत परियोजना से कोयला परिवहन कर रहे वाहनों के लिए निर्धारित क्षमता तय किया गया है। ताकि वाहन ओवरलोड कोयला भरकर परिवहन न करें लेकिन हकीकत यह है कि 35 टन की क्षमता वाले वाहन में 40 टन से अधिक कोयला भरा जा रहा है। यहां एनसीएल अधिकारियो व प्रशासन की सांठगांठ से ओवरलोड का खेल चल रहा है। कमीशन के आगे सारे नियम कायदे बौने साबित हो रहे हैं। इसकी जानकारी एनसीएल के अधिकारियों व जिला प्रशासन को होने के बावजूद इस पर रोक नहीं लग पाना इन अधिकारियों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। जबकि कोल परिवहन करते ओवरलोड वाहन कई लोगों की जिंदगी ले चुके हैं।

कांटा बाबू व ट्रांसपोर्टर की मिलीभगत का आरोप
नॉर्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड की कोयला खदानों से कोयले के काले खेल को लेकर मामला हमेशा से चर्चाओं में है इस पूरे खेल में कोयले को सड़क माध्यम से बनारस तक की मंडियों में पहुंचाने वाले ट्रांसपोर्ट एवं एनसीएल के लोडिंग पॉइंट में मौजूद कांटा बाबू एवं उपस्थित मैनेजर की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है सूत्र बताते हैं कि संबंधित मामले में कांटा बाबू को ट्रांसपोर्टरों के द्वारा कुछ पैसे दिए जाते हैं जिसकी एवज में उन्हें अवैध रूप से ज्यादा कोयला ट्रांसपोर्टरों की गाड़ियों में भर दिया जाता है और बड़ी आसानी से एनसीएल कर्मियों की मिलीभगत के साथ में इस खेल को अंजाम दे दिया जाता है इस पूरे मामले में संबंधित गाड़ियों पर लोड कोयले के भार को लेकर कांटा बाबू के द्वारा अंडरपास बता कर इन कार्यों को खदानों से निकलने की इजाजत दी जाती है हां इसके बदले में ट्रांसपोर्टर मौजूद एनसीएल कर्मियों को ओवरलोड कोयले के बदले में कुछ राशि प्रदान कर देता है और जिससे कि बड़ी आसानी के साथ में यह कोयला खदानों से निकलकर मंडियों की तरफ रवाना हो जाता है। हालांकि इस संबंधित मामले की पुष्टि हम नहीं करते हैं परंतु इस पूरे मामले की जांच की नितांत आवश्यकता है।

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