New Army Chief: रीवा के 2 क्लासमेट ने रचा इतिहास, एक थल सेना तो दूसरा नौसेना चीफ, देश में लहराया प्रदेश का परचम संभाला पदभार

New Army Chief: सेना के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब दो क्लासमेट में एक नौसेना तो दूसरा होगा थल सेना का चीफ, देश में रीवा जिले का परचम लहर चूके है। दो क्लासमेट नौसेना और थल सेना चीफ बन चुके हैं।

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आपको बता दें एक अधिकारी ने बताया है की सेवा के पद के अधिकारियों के बीच की मजबूत दोस्ती काम के संबंधों को और भी मजबूत बनाएगी। दोनों अधिकारियों ने जॉइनिंग भी साथ की थी और दोनों एक साथ रीवा के स्कूल में पढ़ा करते थे।

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी 30 जून से भारतीय थल सेना के रूप में कार्यभार संभाल लिए है। आपको बता दें की भारतीय सैन्य इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब दो क्लासमेट उपेंद्र द्विवेदी भारतीय सेना के और एडमिरल दिनेश त्रिपाठी इंडियन नेवी के चीफ होंगे।

New Army Chief उत्तरी सेना कमांडर के रूप में लंबा अनुभव

1 जुलाई 1964 को मध्य प्रदेश के रीवा जिले में जन्म लेने वाले लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 15 दिसंबर 1984 को भारतीय सेवा की जम्मू कश्मीर राइफल में नियुक्ति मिली थी। उनको उत्तरी सी कमांडर के रूप में काफी लंबा अनुभव रहा है,

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी नेशनल डिफेंस कॉलेज और आर्मी वॉर ऑफ कॉलेज के पूर्व छात्र भी रह चुके हैं। उन्होंने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू से भी पढ़ाई कर चुके हैं।

रीवा के सैनिक स्कूल में थे क्लासमेट

क्लासमेट उपेंद्र द्विवेदी भारतीय सेना के और एडमिरल दिनेश त्रिपाठी इंडियन नेवी के चीफ दोनों रीवा जिले के सैनिक स्कूल में क्लासमेट रहे हैं। दोनों 1970 में स्कूल के दौरान क्लासमेट थे, सेना में उनकी जॉइनिंग लगभग एक साथ ही हुई थी, वहीं अब 50 साल बाद दोनों अपने-अपने डिपार्टमेंट का नेतृत्व कर रहे हैं। यह रीवा जिले के लिए गौरांवित करने वाला क्षण है।

स्कूल से ही थी दोनों में अच्छी बॉन्डिंग

नए दोनो अधिकारियों का स्कूल में एक दूसरे के आसपास रोल नंबर भी हुआ करता था, लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का रोल नंबर 931 और एडमिरल दिनेश त्रिपाठी का 938 था। स्कूल के शुरुआती दिनों से ही उनकी बॉन्डिंग मजबूत थी

और अलग-अलग सेनाओं में होने के बावजूद वे हमेशा एक-दूसरे से संपर्क में रहे एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि सेना में इस पद के अधिकारियों के बीच की मजबूत दोस्ती काम के संबंधों को और भी मजबूत रखती है।

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