NTPC: रिहंद जलाशय का पानी हो रहा प्रदूषित, हजारों की सेहत पर खतरा…
सिंगरौली में संकट: विंध्याचल ताप परियोजना के राखड़ बांध से बढ़ता प्रदूषण, ग्रामीण परेशान..
गर्मी के साथ ही राखड़ बांध का आतंक शुरू…
प्रदेश टुडे संवाददाता सिंगरौली जिले के ग्राम बलियरी में स्थित विंध्याचल विद्युत ताप परियोजना का राखड़ बांध एक बार फिर स्थानीय निवासियों के लिए मुसीबत बन गया है। जैसे ही ग्रीष्म ऋतु ने दस्तक दी, तेज़ गर्म हवाओं के साथ राखड़ बांध से उड़ने वाली राख ने इलाके में गंभीर प्रदूषण फैलाना शुरू कर दिया है। इस राख से न केवल आसपास के खेत और घर प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि यह रिहंद जलाशय में गिरकर जल को भी दूषित कर रही है।
रिहंद जलाशय का पानी हो रहा प्रदूषित, हजारों की सेहत पर खतरा…
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि नगर पालिक निगम सिंगरौली इसी रिहंद जलाशय से पानी लेकर पूरे नगरीय क्षेत्र में सप्लाई करता है। जब जलाशय का पानी राखड़ से दूषित हो जाएगा, तो हजारों लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर संकट मंडराने लगेगा। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह समस्या पिछले कई वर्षों से चली आ रही है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकाला गया बताया गया कि 500 एकड़ में फैला है राखड़ बांध, रोकथाम के दावे भी खोखले ही दिखाई देते हैं
विंध्याचल विद्युत ताप परियोजना द्वारा स्थापित यह राखड़ बांध लगभग 500 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यह जिले का इकलौता राखड़ बांध है, जो नगर पालिक निगम क्षेत्र के अंदर स्थित है। एनटीपीसी विंध्याचल की ओर से प्रदूषण नियंत्रण के लिए बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती है। राख उड़ने की समस्या को रोकने के लिए हर साल लाखों रुपये खर्च करने का दावा किया जाता है, मगर ज़मीनी हकीकत यही है कि यह पैसा कागजों पर ही खर्च हो जाता है। स्थानीय समितियों को सफाई और रोकथाम के लिए वर्क ऑर्डर दिया जाता है, लेकिन शिकायतें हैं कि इनमें भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
राख से बर्बाद हो रही फसलें, घरों में घुस रहा ज़हर…
गांव के किसानों का कहना है कि राखड़ उड़कर उनकी फसलों पर गिर रही है, जिससे उपज बर्बाद हो रही है। घरों के अंदर रखे खाद्य पदार्थ भी राख से दूषित हो जाते हैं। ग्रामीणों को सबसे ज्यादा परेशानी सांस लेने में हो रही है, क्योंकि राख फेफड़ों में जाकर स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं पैदा कर रही है।
एक ग्रामीण ने मौखिक शिकायत करते हुए कहा की “हमारे बच्चे हर समय खांसते रहते हैं, आंखों में जलन होती है, सांस लेने में तकलीफ होती है। हमारी फसलें राख के कारण खराब हो रही हैं। हम सरकार से अपील करते हैं कि इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द निकाला जाए।”
ग्रामीणों ने इस गंभीर समस्या को लेकर जिला प्रशासन से शिकायत करने का निर्णय लिया है। वे जल्द ही जिला कलेक्टर और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सिंगरौली के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपेंगे। लोगों की मांग है कि इस राखड़ बांध के कारण हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि उनकी ज़िंदगी जहरीली हवा और पानी से बच सके।
क्या करेंगे अधिकारी..?
अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन और एनटीपीसी इस समस्या के समाधान के लिए क्या ठोस कदम उठाते हैं। क्या यह शिकायत भी पहले की तरह अनसुनी रह जाएगी, या फिर राखड़ प्रदूषण पर कड़ी कार्रवाई होगी? यह सवाल सिंगरौली के हजारों लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा है, जिसका जवाब सिर्फ प्रशासन ही दे सकता है।
(एम,पी, भास्कर संवाददाता सिंगरौली)