Ratlam Train Accident: हम आपको बता रहे हैं रतलाम से जहां मालगाड़ी पटरी से उतर गई और बड़ी साजिश की आशंका जताई जा रही है. आपको बता दें कि पेट्रोल से भरी मालगाड़ी अचानक पटरी से उतर गई. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि हादसे के पीछे कोई साजिश ही हो सकती है. हादसे की साजिश के एंगल से भी जांच की जाएगी. पिछले कुछ दिनों में लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. जिस जगह हादसा हुआ वो सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील है और वहां अचानक इस तरह ट्रेन का पटरी से उतर जाना. पहले ऐसे मामले बहुत कम सामने आते थे लेकिन जिस तरह से हम देख रहे हैं एक के बाद एक ट्रेन पटरी से उतर रही हैं. कभी पटरी पर गैस की टंकी मिलती है तो कभी बड़े-बड़े पत्थर और कल जो चिट्ठी मिली है उसके बाद भी कहीं न कहीं ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं.
कि हो सकता है कि एक सोची समझी साजिश के तहत ट्रेनों को पटरी से उतारने की कोशिश की जा रही हो. तो ट्रेनों का दुश्मन कौन है? देशभर में ट्रेनों को पटरी से उतारने की कोशिश की जा रही है. 8 सितंबर को कानपुर में पटरियों पर गैस सिलेंडर रखे गए. कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश की गई. और उसके बाद आपको बता दें कि कानपुर में पटरियों पर पेट्रोल से भरी बोतलें भी रखी गईं. 18 सितंबर को उत्तराखंड के रुद्रपुर में साजिश के तहत पटरियों पर छह मीटर लंबा लोहे का खंभा रखा गया. 18 सितंबर को ही नेपानगर के पास पटरियों पर डेटोनेटर रखा गया.
सवाल ये है कि क्या देश में ट्रेनों को पटरी से उतारने की कोई बड़ी साजिश है. क्या इस साजिश में कोई आतंकी संगठन शामिल है? ऐसी साजिशों से निपटने के लिए रेलवे के पास क्या योजना है? .
रतलाम हादसे पर क्या कहना है Ratlam Train Accident
जैसा कि आप देख सकते हैं, तीन टैंक वैगन पटरी से उतरे हैं, जिसमें से एक लगभग उठ चुका है. दूसरा थोड़ा चुनौतीपूर्ण है. इसके लिए क्रेन का इस्तेमाल करना पड़ेगा. तीसरा भी छोटा है और वो भी हो जाएगा. जहां तक हमारी ट्रेनों की आवाजाही का सवाल है, हमने ट्रेन को पूरी तरह से चेक किया है. कोई खराबी नहीं है. आप देख सकते हैं कि सब कुछ चल रहा है. जब जांच टीमें इसे देखती हैं, तो वे सभी पहलुओं को देखती हैं. वे तकनीकी पहलुओं को भी देखते हैं और उस पर भी गौर करते हैं. अभी हमारा मुख्य ध्यान ट्रेनों के कम से कम रुकने और इसे बहाल करने पर है.