Rewa News: पूरा विंध्य जल्द ही प्राचीन शिक्षा लेने के लिए तैयार हो चुका है उपमुख्यमंत्री ने रीवा को बड़ी सौगात दे दी है, 15 एकड़ में विशाल संस्कृत विश्वविद्यालय बनने जा रहा है।
Rewa News प्रदेश की उपमुख्यमंत्री इन रीवा जिले को एक और बड़ी सौगात दे दी है,रीवा जिले के लक्ष्मणबाग मंदिर में आयोजित बैठक में संस्कृत विश्वविद्यालय के रीवा परिसर की व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई, उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पाणिनि संस्कृति विश्वविद्यालय जल्द ही तैयार होने वाला है,अपना आकर ले लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार इसमें 80 विद्यार्थियों का प्रवेश वर्तमान में हो चुका है। कक्षाएं संचालित करने के लिए दो दिन में पांच कक्षा तैयार किए जाएंगे, विद्यार्थियों के रहने और भोजन की भी समुचित व्यवस्था हो गई है।
15 एकड़ में बनेगा संस्कृत विश्वविद्यालय
रीवा में संस्कृत विश्वविद्यालय बनने के बाद रीवा और विंध्य वासियों को अन्य जगहों पर संस्कृत की पढ़ाई करने नहीं जाना पड़ेगा,यह रीवा जिले एवं पूरे विंध्य के लिए एक बड़ी सौगात है। इसमें 20 संस्कृत विद्वानों ने विद्यार्थियों को संस्कृत ज्ञान देने का संकल्प लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार रीवा के लक्ष्मण बाग मंदिर परिसर के समीप 15 एकड़ भूमि संस्कृत विश्वविद्यालय का परिसर तैयार किया जाएगा। यह परिसर रीवा के संस्कृत ज्ञान की परंपरा को पुनः स्थापित करेगा।
रीवा कलेक्टर ने कहा कि?
आयोजित बैठक में रीवा कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पालने जानकारी देते हुए बताया, की कक्षाएं संचालित करने के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है। विद्यार्थियों के आवास तथा भोजन की व्यवस्था के लिए परिसर प्रभारी एवं भोजन बनाने वालों की नियुक्ति की जा चुकी है।
इस मीटिंग में संयुक्त कलेक्टर डॉक्टर अनुराग तिवारी ने विभिन्न व्यवस्थाओं की जानकारी दी है, बैठे में डॉक्टर प्रभाकर चतुर्वेदी, परिसर प्रभारी तुलसीदास परोहा, कार्यपालन यंत्री हाउसिंग बोर्ड अनुज प्रताप सिंह, संस्कृत विद्वान भी इस मीटिंग में शामिल रहे थे।
आपको बता दें यह संस्कृत विश्वविद्यालय खुलने के बाद रीवा और विंध्य के छात्रों को अब अन्यत्र कहीं जगह पर संस्कृत की शिक्षा लेने जाना नहीं पड़ेगा।
पूरे प्रदेश में हैं इतनी संस्कृत विश्वविद्यालय
अभी तक यह कॉलेज पाणिनी विश्वविद्यालय उज्जैन से संबद्ध है। विंध्य में संस्कृत की पढ़ाई का क्रेज इस बात से समझा जा सकता है, कि आज भी विन्ध्य क्षेत्र एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में 14 संस्कृत महाविद्यालय एवं 54 संस्कृत विद्यालय संचालित हैं, जहां हजारों की संख्या में छात्र अध्ययन कर रहे हैं।