Sidhi: लीला साहू की हुंकार: गांव की समस्याओं को लेकर फिर उठाई आवाज, नेताओं के वादों की खोल दी पोल…
मध्य प्रदेश के सीधी जिले की सोशल मीडिया पर चर्चित समाजसेविका लीला साहू ने एक बार फिर अपने गांव की समस्याओं को लेकर प्रशासन और नेताओं के खिलाफ खुली चुनौती दी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि अगर जल्द ही गांव की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वह धरना देकर अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने का कार्य करेंगी।
सड़क निर्माण का अधूरा वादा…
लीला साहू पहले भी अपनी आवाज बुलंद कर चुकी हैं। कुछ समय पहले उन्होंने अपने गांव की बदहाल सड़कों को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया था, जिसने खूब सुर्खियां बटोरीं। इसके बाद सीधी-सिंगरौली के सांसद ने स्वयं हस्तक्षेप करते हुए आश्वासन दिया था कि जल्द ही सड़क का मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा। गांववासियों को उम्मीद थी कि अब उनके सफर में आने वाली परेशानियां दूर होंगी, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल उलट निकली लीला साहू ने अपने नए वीडियो में नेताजी के उन वादों की पोल खोल दी है। उनका कहना है कि नेताओं के वादे सिर्फ आश्वासन बनकर रह गए हैं, और अब तक सड़क की हालत ज्यों की त्यों है। बरसात में सड़क कीचड़ से भर जाती है, तो गर्मी में धूल का गुबार उड़ता है। ग्रामीणों को न सिर्फ आवागमन में दिक्कत होती है, बल्कि बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाना भी चुनौती बन जाता है।
गांव की अन्य समस्याएं भी बनीं गंभीर मुद्दा…
सिर्फ सड़क ही नहीं, गांव में पानी की समस्या भी विकराल रूप ले चुकी है। लोगों को पीने का साफ पानी नसीब नहीं हो रहा। बिजली की कटौती से भी ग्रामीण परेशान हैं। बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ रहा है, क्योंकि स्कूल तक पहुंचने के लिए भी उन्हें खराब रास्तों से गुजरना पड़ता है।
लीला साहू ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा है कि गांव की ये समस्याएं सालों से चली आ रही हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं किया गया। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द गांव की मूलभूत सुविधाओं की ओर ध्यान दिया जाए, वरना वह ग्रामीणों के साथ मिलकर धरना-प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटेंगी।
सोशल मीडिया से उठी आवाज….
लीला साहू की आवाज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। उनके वीडियो को कई हजारों लोग देख चुके हैं और कई लोग उनके समर्थन में सामने आ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो वे भी लीला साहू के साथ धरने पर बैठेंगे।
अब क्या होगा आगे….?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन और नेता लीला साहू की इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेते हैं। क्या नेताजी के आश्वासन इस बार सच्चाई में बदलेंगे, या फिर गांव वालों को एक बार फिर सिर्फ वादों का लॉलीपॉप पकड़ा दिया जाएगा? यह वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना जरूर है कि लीला साहू की आवाज अब दबने वाली नहीं है। गांव के लोगों को अब उम्मीद है कि उनकी परेशानियां दूर होंगी और उनके हक की लड़ाई में सोशल मीडिया पर उठी यह आवाज दूर तक जाएगी।