Sigrauli NCL: कंपनियों ने भर्ती में सीरियल नंबर, एम्प्लाई कोड, और ‘A’ फॉर्म नंबर के बीच समन्वय नहीं रखा, जिससे वरिष्ठता के आधार पर होने वाली नियुक्तियों में गड़बड़ी हुई है।

Sigrauli NCL: स्थानीय विस्थापितों और बेरोजगार युवाओं का आरोप है कि इन कंपनियों ने भर्ती में सीरियल नंबर, एम्प्लाई कोड, और ‘A’ फॉर्म नंबर के बीच समन्वय नहीं रखा, जिससे वरिष्ठता के आधार पर होने वाली नियुक्तियों में गड़बड़ी हुई है

सिंगरौली जिले में स्थित एनसीएल (नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की निगाही परियोजना के तहत कार्यरत ओबी (ओवरबर्डन) कंपनियों, विशेषकर कंडोई और सिक्कल, पर भर्ती प्रक्रियाओं में अनियमितताओं और मनमानी के गंभीर आरोप लगे हैं। स्थानीय विस्थापितों और बेरोजगार युवाओं का आरोप है कि इन कंपनियों ने भर्ती में सीरियल नंबर, एम्प्लाई कोड, और ‘A’ फॉर्म नंबर के बीच समन्वय नहीं रखा, जिससे वरिष्ठता के आधार पर होने वाली नियुक्तियों में गड़बड़ी हुई है। दारा सल
मई 2024 में, दो दर्जन से अधिक विस्थापितों ने निगाही परियोजना के महाप्रबंधक (जीएम) कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि कंडोई-सिक्कल ओबी कंपनी कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना कर रही है और स्थानीय लोगों को रोजगार देने में अनदेखी कर रही है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बाहरी व्यक्तियों को भर्ती किया जा रहा है, जबकि स्थानीय योग्य उम्मीदवारों को नजरअंदाज किया जा रहा है। साथ ही, दलालों द्वारा 1 से 2 लाख रुपये लेकर नौकरी दिलाने के आरोप भी सामने आए हैं।
जनवरी 2025 में, आधा सैकड़ा से अधिक विस्थापित और बेरोजगार युवाओं ने निगाही खदान परिसर में ओबी कंपनियों कंडोई और सिक्कल के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनकी मांग थी कि बंद हो चुकी डीबीएल कंपनी के बेरोजगार युवाओं को कंडोई और सिक्कल में रोजगार दिया जाए, और खदान के समीप 100 मीटर की परिधि में बसे लोगों के मकान व अन्य संपत्तियों का उचित मुआवजा प्रदान किया जाए। सूत्रो कि माने तो इसके अतिरिक्त, अक्टूबर 2024 में, कंडोई कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर 52 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया, जिसमें एनसीएल परियोजना खड़िया के एक कर्मचारी पर आरोप लगा…?

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इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि ओबी कंपनियों की भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता की कमी है, जिससे स्थानीय समुदायों में असंतोष और आक्रोश बढ़ रहा है। आवश्यक है कि एनसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन इन आरोपों की उच्चस्तरीय जांच करें, ताकि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके और भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोका जा सके।

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