Singrauli : एक शराब समूह के लिए निविदा नियमों में भर्रेशाही..

Singrauli : एक शराब समूह के लिए निविदा नियमों में भर्रेशाही..

सिंगरौली मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिला अपने नए-नए कारनामों को लेकर सुर्खियों में देखने के लिए मिलती रहती है ऐसा ही कारनामा सामने देखने को मिला जहां पर एक व्यक्ति के लिए सभी नियम कानून को ताक पर रखकर निजी लाभ के लिए  नियमों को किया गया नजर अंदाज दरअस लपुरा मामला सिंगरौली जिले से जुड़ा हुआ है वित्तिय वर्ष 2025-26 के लिए जिले भर की शराब समूह को लेकर आगामी वर्ष के लिए 20 प्रतिशत की राशि बढ़ोतरी के साथ शराब दुकान आवंटित करनी थी जिसे लेकर सिंगरौली आबकारी विभाग ने भी बाकायदा इसके लिए नियमों का पालन करते हुए पहले तो वर्तमान समय में कार्यरत शराब समूहों से उन्हें नियम कानून बताकर कार्य की शुरुआत की और सभी समूहों का रिन्युवल करा दिया गया। जिसमे आबकारी विभाग के द्वारा एक शराब समूह पर मेहरबानी का आरोप लगा है। हर वर्ष प्रदेश सरकार के खजाने को भरने में सहायक आबकारी विभाग अपनी भूमिका और योगदान के लिए जाना जाता है सरकार को अरबो रुपये देने वाले इस विभाग में जरूरी लायसेंस प्राप्ति के लिए बनाए गए नियम कानून को धता बताकर नियमों को दरकिनार करते हुए लाइसेंस रिन्युवल की प्रक्रिया का कोरम पूरा किया गया है ऐसा आरोप सूत्र लगा रहे हैं।

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जाने पूरा मामला

सिंगरौली जिले के आबकारी विभाग के द्वारा शराब विक्रय के लिए जरूरी लायसेंस को लेकर नई निविदा न जारी करते हुए पूर्व से ही कार्यरत शराब समूह के लिए 20 प्रतिशत राशि बढ़ोतरी के साथ नए वित्तीय वर्ष के लिए लाइसेंस जारी किया जाना था। सूत्र बताते हैं कि 14 शराब समूहों ने 3 मार्च की मध्य रात्रि के पहले ही नियमों का पालन करते हुए माँग राशि व जरूरी दस्तावेज जमा कर दिया वहीं एकमात्र शराब समूह प्रिंस इंटरप्राइजेज के द्वारा नीयत समयावधि 3 मार्च की मध्यरात्रि की बजाय अगले दिन 4 मार्च को 20 प्रतिशत की राशि जमा कर कोरम पूरा किया। ऑनलाइन होने वाली इन प्रकिया में एक शराब समूह के लिए नियमों में बदलाव की बात निकल कर सामने आ रही है आखिर कार जब अन्य कई शराब समूहों के द्वारा जब नीयत समय के भीतर ही प्रक्रिया का पालन करते हुए कोरम पूरा कर दिया गया था तो सिर्फ एक शराब समुह के लिए तारिखों में बदलाव करने की विशेष जरूरत क्या आन पड़ी ।

जाने क्या कहते हैं नियम

सूत्रों के अनुसार 14 शराब समूहों ने 3 मार्च की मध्य रात्रि के पहले ही नियमों का पालन करते हुए माँग राशि व जरूरी दस्तावेज जमा कर दिया वहीं एकमात्र शराब समूह प्रिंस इंटरप्राइजेज के द्वारा नीयत समयावधि 3 मार्च की मध्यरात्रि की बजाय अगले दिन 4 मार्च को 20 प्रतिशत की राशि जमा कर कोरम पूरा किया। जबकि मध्य प्रदेश राजपत्र दिनाँक 14 फरवरी 2025 के नियम क्रमांक 9.6 में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि नवीनीकरण के माध्यम से निष्पादन की स्थिति में सफल आवेदक अथवा चयनित लॉटरी दाता को वार्षिक लाइसेंस फीस की शेष राशि निष्पादन की तिथि से तीन दिवस के अंदर ही आबकारी पोर्टल पर ऑनलाइन जमा करनी होती है तीन दिवसों की गणना में निष्पादन की कार्यवाही का दिन एवं अवकाश के दिन (बैंक बंदी दिवस अथवा बैंक हड़ताल दिवस सहित यदि कोई हो) को गणना में नहीं लिया जाएगा नियत अवधि के अंतिम दिन से अभिप्राय उसे दिनांक को रात्रि 12:00 तक होगा। सूत्रों के द्वारा लगाए जा रहे इन आरोपों के मध्य नजर एवं नियमों से स्पष्ट होता है कि इस पूरे मामले को लेकर की गई निविदा संदेह की घेरे में है। वहीं नियम क्रमांक 9.7 के अनुसार नवीनीकरण अथवा लॉटरी आवेदन पत्र के माध्यम से मदिरा दुकानों के निष्पादन की स्थिति में वार्षिक लाइसेंस फीस की शेष राशि कणिका क्रमांक 9.6 में वर्णित अवधि में जमा न किए जाने पर ऑफर निरस्त किया जाकर उसकी धरोहर राशि जप्त की जाएगी तथा ऐसी मदिरा दुकान के एकल समूह पुनः निष्पादन पर रखे जाएंगे।

आबकारी विभाग के अपने तर्क 

आबकारी अधिकारी के द्वारा मामले पर बताया गया है कि शनिवार को अवकाश में लेते हुए तय समय के बाद कि गई प्रक्रिया को सही बताया। जबकि उक्त शनिवार को बैंक में अवकाश नही था। नियमों के विरुद्ध जाकर पूरे मामले में शराब समूहों में से एक समूह के लिए किया जा रहे इन बदलावों को लेकर सूत्रों का आरोप एवं नियम आपस में मेल नहीं खा रहे हैं जो कहीं ना कहीं इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि संबंधित मामले को लेकर आबकारी विभाग के द्वारा मनमानी रवैया अपनाया गया है हालांकि इस पूरे मामले की निष्पक्ष एवं विशेष जांच होनी आवश्यक है आखिरकार क्यों एक समूह के लिए नियमों को ताक पर रखने के लिए जिम्मेदार विभाग अड़ा हुआ है।

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