Singrauli : की ग्राम पंचायत दादर में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा,…?
सरपंच-सचिव पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार…?
MP भास्कर संवाददाता सिंगरौली जिले की ग्राम पंचायत दादर से एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है, जिसने पंचायत व्यवस्था की पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिला पंचायत सिंगरौली के न्यायालय ने सरपंच सुरतनीया देवी और पंचायत सचिव सत्य प्रकाश द्विवेदी पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोपों के चलते बड़ी कार्रवाई की है।
जाने क्या है पूरा मामला…?
बताया जाता है कि प्राप्त दस्तावेजों और जांच रिपोर्ट के अनुसार, ग्राम पंचायत दादर में विभिन्न विकास कार्यों के लिए स्वीकृत राशि का उपयोग नियमों और प्रक्रिया के विरुद्ध किया गया। कई ऐसे लेन-देन पाए गए जिनमें राशि सीधे विभिन्न व्यक्तियों के खातों में ट्रांसफर की गई, बिना किसी वैध बिल, कार्य प्रमाणन या स्वीकृति के।
इस पूरे घोटाले की कुल राशि ₹2,78,300 बताई जा रही है, जिसमें संदेहास्पद ट्रांजैक्शन, जाली दस्तावेजों पर भुगतान और कार्यस्थल पर शून्य भौतिक प्रगति जैसे गंभीर दोष शामिल हैं।
मुख्य अनियमितताएँ…?
- बिना वैधानिक स्वीकृति के सरकारी राशि की निकासी।
- वित्तीय रिकॉर्ड में पारदर्शिता की कमी।
- फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भुगतान।
- राशि निकासी के बाद कार्यस्थल पर कोई कार्य प्रगति नहीं।
जिला प्रशासन की कार्रवाई..?
जिला पंचायत ने सरपंच और सचिव को 24 फरवरी 2025 को सुनवाई के लिए तलब किया है। उन्हें अपने पक्ष में दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया है। यदि उनके उत्तर संतोषजनक नहीं पाए गए, तो उनके खिलाफ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 69 के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें पद से हटाना और सरकारी राशि की वसूली शामिल है।
सिंगरौली की पंचायतों में भ्रष्टाचार की गहराई..?
यह कोई पहला मामला नहीं है। सिंगरौली जिले की शायद ही कोई ग्राम पंचायत ऐसी हो जहां इस प्रकार की वित्तीय अनियमितताएँ न हुई हों। वर्षों से पंचायतों में योजनाओं की राशि का दुरुपयोग, बिना कार्य किए भुगतान, और जाली बिलों के आधार पर सरकारी खजाने को चूना लगाया जाता रहा है।
जब भी ऐसे घोटालों की जांच आगे बढ़ती है, पंचायत सचिव संघ द्वारा कार्य बहिष्कार या हड़ताल की धमकी दी जाती है। इस बार भी, कार्रवाई की आंच महसूस होते ही संघ ने वेतन न मिलने का हवाला देकर विरोध शुरू कर दिया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि – “अगर सचिवों को वेतन नहीं मिलता, तो उनके पास इतनी संपत्ति कहां से आती है?” कई सचिवों के पास आलीशान मकान, गाड़ियाँ, प्लॉट और अन्य चल-अचल संपत्तियाँ हैं, जो उनकी आय से मेल नहीं खातीं।
यह मामला एक नजीर बन सकता है – अगर दोषियों पर सख्त कार्रवाई होती है, तो यह पूरे जिले के लिए एक चेतावनी होगी कि अब पंचायतों में लूट की छूट नहीं चलेगी..?
ग्रामीणों की मांग…?
ग्राम पंचायत दादर के ग्रामीणों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कठोर दंड की मांग की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर सभी पंचायत सचिवों की सम्पत्ति और लेन-देन की जाँच हो जाए, तो बहुत से बड़े घोटाले सामने आ सकते हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने जिला प्रशासन के समक्ष एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखना होगा कि सुनवाई में क्या निर्णय लिया जाता है और क्या सिंगरौली की पंचायतों में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकेगी या नहीं..?