Singrauli : नेतागिरी की आड़ में अवैध रेत कारोबार: सिंगरौली में फिर सुर्खियों में वही नेता….
मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के बैढ़न थाना क्षेत्र के शासन चौकी के अंतर्गत आने वाले कई इलाकों में अवैध रेत खनन का खेल लगातार जारी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब रात का अंधेरा गहराने लगता है, तब रेत माफिया सक्रिय हो जाते हैं और नदियों से धड़ल्ले से रेत निकालने का काम शुरू हो जाता है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे अवैध कारोबार के पीछे एक ऐसा चेहरा है, जो खुद को नेता और समाजसेवी के रूप में पेश करता है, लेकिन असल में उसने नेतागिरी की आड़ में काले धंधे का साम्राज्य खड़ा कर लिया है।
नेता की दबंगई और पुराना विवाद…
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यह कथित नेता न केवल रेत माफिया को संरक्षण देता है, बल्कि खुद भी इस कारोबार में गहरे तक शामिल है। कुछ समय पहले, जब वह अवैध रूप से रेत उठवाते हुए पकड़ा गया था, तब मामला काफी गरमाया था। उस समय रेत ठेकेदार ने इसे रंगे हाथों पकड़ लिया था, जिसके बाद विवाद इतना बढ़ गया कि मामला पुलिस तक जा पहुंचा।
हालांकि, इस नेता ने अपनी गलतियों को छुपाने और अपनी छवि को बचाने के लिए तुरंत एक नया दांव खेला। उसने खुद को पीड़ित बताकर धरना प्रदर्शन किया और उल्टा रेत ठेकेदार पर ही गंभीर आरोप लगाने शुरू कर दिए। इसके जरिए उसने न सिर्फ अपना बचाव किया, बल्कि प्रशासन और स्थानीय लोगों की आंखों में धूल झोंकने की भी कोशिश की।
साकार ग्लोबल पर लगाए झूठे आरोप..?
सूत्रों के अनुसार, साकार ग्लोबल नाम की कंपनी को प्रशासन द्वारा रेत खनन के लिए परमिट दिया गया है, लेकिन इस कथित नेता ने साकार ग्लोबल पर बेवजह के आरोप लगाकर उसकी छवि धूमिल करने की कोशिश की। स्थानीय लोगों का कहना है कि साकार ग्लोबल उतना ही रेत खनन कर रही है, जितना कि उसे परमिट मिला है, जबकि नेतागिरी की आड़ में यह नेता अपने अवैध कारोबार को छिपाने के लिए कंपनी पर तरह-तरह के आरोप लगा रहा है।
प्रशासन की चुप्पी पर उठते सवाल…?
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। स्थानीय लोगों का कहना है कि शासन चौकी में इस नेता की इतनी पकड़ है कि उसके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं होती। ऐसा लगता है कि प्रशासन ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है, जिससे अवैध रेत कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं।
स्थानीय लोगों में बढ़ रहा आक्रोश…?
इस पूरे मामले को लेकर क्षेत्र के लोगों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि नेतागिरी की आड़ में अवैध रेत खनन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अगर समय रहते इस पर लगाम नहीं लगाई गई, तो आने वाले समय में यह कारोबार और भी बढ़ सकता है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान होगा, बल्कि अपराध भी बढ़ेंगे। जिले में अवैध रेत कारोबार का यह मामला कोई नया नहीं है, लेकिन इस बार जिस तरह से नेतागिरी की आड़ में अवैध कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है, वह बेहद चिंताजनक है। जरूरत है कि प्रशासन इस पर सख्त कार्रवाई करे और दोषियों को कानून के दायरे में लाए, ताकि आने वाले समय में ऐसे अवैध कारोबार पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके। अब देखना यह है कि प्रशासन कब जागता है और इस पूरे मामले पर कब तक कार्रवाई होती है, या फिर नेतागिरी और दबंगई की यह कहानी ऐसे ही चलती रहेगी..?