Singrauli : में अवैध रेत खनन पर पुलिस का संरक्षण, कटौली, रम्पा और कई नदी से जारी कारोबार…
बंधौरा और खुटार पुलिस चौकी क्षेत्र में गूंज रही अवैध वसूली की चर्चाएं, एक रात का रेट तीन से चार हजार तक फिक्स..?
सिंगरौली जिले में अवैध रेत खनन और परिवहन का कारोबार इन दिनों जोरों पर है। जिले की पुलिस चौकी खुटार एवं बंधौरा क्षेत्र में इस अवैध धंधे को पुलिस का संरक्षण मिलने की चर्चाएं जोरों पर हैं। स्थानीय सूत्रों की मानें तो पुलिस ने अवैध खननकर्ताओं के लिए हर रात का रेट फिक्स कर रखा है। ट्रैक्टर चालकों से रातभर रेत ढुलाई के लिए 3,000 से 4,000 रुपये तक की अवैध वसूली की जाती है।
शाम ढलते ही सक्रिय हो जाते हैं रेत माफिया…
जानकारी के अनुसार, बंधौरा पुलिस चौकी क्षेत्र के बेतरिया, मलगा, चौरा, गर्रा, रम्पा सहित खुटार चौकी के कटौली नदी से अवैध रेत का उत्खनन-परिवहन धड़ल्ले से किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि शाम होते ही दर्जनों ट्रैक्टर रेत निकालने और ढोने में जुट जाते हैं। इस दौरान पुलिस भी पेट्रोलिंग के नाम पर क्षेत्र में सक्रिय रहती है, लेकिन अवैध खनन को रोकने के बजाय उसकी सुरक्षा करती नजर आती है।
पुलिस की भूमिका संदिग्ध, मुखबिरी के भी आरोप…..
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की गश्त महज दिखावा है। आरोप तो यह भी लग रहे हैं कि पुलिस ही रेत कारोबारियों के लिए मुखबिरी करती है। नदियों के आसपास पुलिस की असामान्य हलचल इस बात की ओर इशारा करती है कि अगर कोई वरिष्ठ अधिकारी या छापामार टीम पहुंचती है तो उन्हें तुरंत सतर्क कर दिया जाता है। यह गोरखधंधा कई महीनों से जारी है, लेकिन पुलिस इसे रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है।
चौकी प्रभारियों के ‘कारखास’ कर रहे अवैध वसूली…?
सूत्रों की मानें तो चौकी प्रभारियों ने अपने कुछ खास लोगों को अवैध वसूली की जिम्मेदारी सौंप रखी है। इन ‘कारखासों’ के जरिए प्रति ट्रैक्टर तीन से चार हजार रुपये तक वसूले जाते हैं। अगर इन कारखासों के मोबाइल कॉल डिटेल की जांच करवाई जाए, तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। लेकिन चौकी प्रभारी खुद को बचाने के लिए ऐसी गलती करने से बचते हैं।
कोतवाली क्षेत्र में भी अवैध रेत खनन का दबदबा…?
केवल खुटार और बंधौरा ही नहीं, बल्कि और बैढ़न कोतवाली क्षेत्र में भी अवैध रेत कारोबार जोरों पर है। स्थानीय लोग बताते हैं कि जिले के पुलिस अधिकारी चाहें तो इसे रोक सकते हैं, लेकिन शायद उनके हाथ भी बंधे हुए हैं या फिर वे इस खेल में शामिल हैं।
लगातार हो रहे हादसे, फिर भी सबक नहीं ले रही पुलिस…?
अवैध रेत परिवहन के कारण सिंगरौली में कई दर्दनाक हादसे हो चुके हैं। सरई थाना क्षेत्र में पिछले एक साल में रेत ढो रहे वाहनों की वजह से कई लोगों की मौत हो चुकी है। हाल ही में नौढ़िया की घटना इसका ताजा उदाहरण है। बताया जा रहा है कि श्री पांडेय की मौत भी अवैध रेत कारोबार के कारण हुई थी। लेकिन पुलिस ने अपनी जांच में इसे अलग कहानी बनाकर पेश कर दिया।
क्या पुलिस-प्रशासन उठाएगा कोई कदम…?
सिंगरौली जिले में अवैध रेत कारोबार का इतना बड़ा नेटवर्क खड़ा हो चुका है कि इसे रोक पाना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर बनता जा रहा है। सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस-प्रशासन अवैध रेत खनन पर कार्रवाई करेगा, या फिर यह गोरखधंधा यूं ही पुलिस की मिलीभगत से चलता रहेगा? अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो भविष्य में इससे भी बड़े हादसे और अपराध सामने आ सकते हैं।