Singrauli News: चौराहों पर खुले में फेंक रहे बायो मेडिकल वेस्ट, संक्रमण का खतरा
Singrauli News: सिंगरौली। जिले में बायोमेडिकल वेस्ट का अवैध निस्तारण स्थानीय लोगों के लिए गंभीर समस्या बनता जा रहा है। अस्पतालों, क्लीनिकों और पैथोलॉजी लैबों से निकलने वाला खतरनाक जैविक कचरा खुले में फेंका जा रहा है, जिससे पूरे इलाके में बदबू फैल रही है और संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि लोग अपने घरों से निकलने में भी घबराने लगे हैं, लेकिन प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं दिख रहा।
जिला मुख्यालय से कुछ किलोमीटर दूर राज माता चुन कुमारी स्टेडियम के कोने पर हाल ही में बायोमेडिकल वेस्ट का एक बड़ा ढेर देखा गया, जहां खून से सने पट्टियां, इस्तेमाल किए गए इंजेक्शन, दवाओं के खाली पैकेट और अन्य खतरनाक मेडिकल कचरा खुले में पड़ा था। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के कचरे का सही ढंग से निस्तारण न किया जाए तो यह न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि गंभीर बीमारियों को भी जन्म देता है। लोगो का कहना है कि यह समस्या कोई नई नहीं है, बल्कि लंबे समय से जारी है। नगर निगम ने कई बार इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
जिम्मेदार अधिकारी चुप, जनता बेहाल
जब इस मुद्दे पर नगर पालिक निगम सिंगरौली के एक अधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने कई बार पत्राचार किया है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। वहीं, जब जिला कलेक्टर से इस विषय पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने इसे स्वास्थ्य विभाग का मामला बताते हुए पल्ला झाड़ लिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जब जिला स्वास्थ्य अधिकारी से इस विषय पर सवाल किए गए, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इससे साफ जाहिर होता है कि जिले के अधिकारी इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए कोई ठोस कदम उठाने के मूड में नहीं हैं।
जिले में कई अवैध क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब
स्थानीय लोगों के अनुसार, जिले में कई अवैध रूप से संचालित क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब हैं, जो अपने बायोमेडिकल वेस्ट का सही निस्तारण नहीं कर रहे। विशेषज्ञों का कहना है कि सिंगरौली से बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए बाकायदा सागर से गाड़ियां आती हैं, जो इन खतरनाक कचरों को सुरक्षित स्थानों तक ले जाती हैं। लेकिन अवैध रूप से संचालित क्लीनिक और लैब इस प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे और अपना कचरा खुले में फेंक रहे हैं, जिससे न केवल पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है बल्कि आवारा पशु और स्थानीय नागरिक भी गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। संगठनों ने कहा कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया, तो संगठन के लोग आंदोलन करने को मजबूर होंगे। प्रशासन को अब जागना होगा, वरना यह लापरवाही किसी बड़ी महामारी को जन्म दे सकती है।